जीवन परिचय
स्वर्गीय पंडित श्री श्याम सुंदर शास्त्री जी का जन्म नवम्बर १९१९ में पाकिस्तान के मुल्तान शहर में हुआ I उनके पिता स्वर्गीय पंडित श्री पुष्कर दत्त जी शास्त्री एक प्रतिभासंपन्न, गीता-मनीषी, गुणी, ज्ञानी व युगपुरुष थे I अपने पिता की भांति श्री श्याम सुंदर शास्त्री जी भी गुणी, ज्ञानी, व शास्त्रों के ज्ञाता थे I शुजाबाद के स्वर्गीय पंडित श्री ठाकुर दास जी की लक्ष्मीस्वरूपा सुपुत्री विमला देवी के साथ इनका विवाह सम्पन्न हुआ I
चार सुयोग्य पुत्रों और तीन पुत्रिओं ने इनके घर में जन्म लिया I बटवारे के बाद ये अपने बड़े भ्राता स्वर्गीय श्री देवकी नंदन जी शास्त्री, जो एक संस्कृत के अध्यापक और एक महान ज्योतिषाचार्य थे, के साथ दिल्ली आ गए I लेकिन विधि के विधान से इनका तबादला सिवानी (हरियाणा ) के एक छोटे से कस्बे में हो गया जहाँ एक छोटा सा स्कूल था और वहां बहुत कम बच्चे पढने आते थे I
इन्होने स्थानीय लोगों की मदद से हरियाणा सरकार, शिक्षा विभाग से हाई स्कूल के निर्माण की अनुमति ली जिसकी नींव स्वयं अपने हाथों से रखी I कुछ ही समय में स्कूल की ईमारत तैयार हो गयी जिसमें उन्होंने अपने हाथों से पेड़ लगाये I यह एक चुनौती पूर्ण कार्य था I देखते ही देखते इस स्कूल ने बहुत उन्नति की और शीघ्र ही ये सिवानी में बहुत लोकप्रिय हो गए I बच्चों को पढने के लिए प्रेरित करते, घर पर उनको निशुल्क पढ़ाते I उनके इस कार्य में हमारी माता जी का बहुत योगदान रहा I
शास्त्री होने के साथ साथ वे एक आयुर्वेदाचार्य भी थे, जिनसे बहुत से लोग लाभान्वित होते थे I यह भी एक निशुल्क सेवा थी I अगर यह कहा जाये कि वे वहां के लोगो के सर्वेसर्वा थे तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी क्योंकि लोग अपनी हर तरह की समस्याएं लेकर आते, चाहे वो घरेलु हो, शिक्षा से सम्बंधित हो, आपसी लड़ाई झगडा हो और यहाँ तक की बच्चों के विवाह सम्बन्धी मामला हो I वे एक अच्छे पहलवान भी थे I
अखाढ़े में कुश्ती करना उनका शोंक था I १७ जनवरी २०११ को इस महान आत्मा का स्वर्गवास हो गया I सर्वथा अभिमान से परे, जीवन में कुछ भी महत्वपूर्ण कार्य करने का दावा न करने वाले ऐसे माता-पिता की संतान होना अपने आप में गर्व की बात है I उनका जीवन सरल, सफल, संतुष्ट, सत्यवादी, स्वावलंबी, निस्वार्थ, निष्कपट, अनुशासित, कर्मठ, उच्च विचार जैसे अनेक मानवीय गुणों से ओत-प्रोत रहा I हम सदा अपने माता पिता के प्रति कृतज्ञ रहेंगे और यह प्रयास करते रहेंगे के सदैव उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चल सकें I
मदन लाल शर्मा चंद्रशेखर शर्मा विजय कुमार शर्मा राजीव कुमार शर्मा
उषा शर्मा प्रमिला शर्मा सुमन शर्मा दर्शना शर्मा